Sunday, August 1, 2010

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नाखून भी बताते हैं इंसान का स्वभाव

नाखून भी बताते हैं इंसान का स्वभावधर्म डेस्क.उज्जैनखुबसुरत दुल्हन,खुशहाल जीवन, गजलक्ष्मी योगनाखून हमारी अंगुलियों की सुन्दरता बढ़ाते हैं साथ ही ये अंगुलियों के पोरों की रक्षा भी करते हैं लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि नाखून कैसे हैं। उनका आकार और आकृति कैसी है, इससे आप सिर्फ अपने बारे में ही नहीं बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के स्वभाव के बारे में महत्वपूर्ण बातें पता लगा सकते हैं। ये हम नहीं कहते ये तो ज्योतिष विज्ञान कहता है।

- छोटे नाखून वाले व्यक्ति चाहे कितने भी उच्च घराने में पैदा हुए हों, ये अच्छे स्वभाव के नहीं होते हैं। ऐसे व्यक्ति असभ्य व स्वार्थी होते हैं।- छोटे और पीले नाखून व्यक्ति के मक्कार स्वभाव को प्रदर्शित करते हैं।
- गोलाकार नाखून व्यक्ति के सशक्त विचारों व तुरंत निर्णय लेने की क्षमता को बताते हैं।
- पतले व लम्बे नाखून वाले लोग जल्दी निर्णय नहीं ले पाते हैं और इसी प्रवृति के कारण कई बार इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।- छोटे नाखून व गांठदार अंगुलियां हों तो ऐसे जीवन साथी अपने पार्टनर को इशारों पर नचाते हैं।
- जिन लोगों के नाखून लम्बाई की अपेक्षा अधिक चौड़ाई लिए हुए होते हैं, वे लोग क्रोधी व जिद्दी स्वभाव के साथ ही स्वतंत्रता पसंद करने वाले होते हैं।- कठोर नाखून वाले व्यक्ति झगड़ालु प्रवृति के साथ ही अपनी जिद के पक्के होते हैं। ये जो ठान लेते हैं, वो कर के ही दम लेते हैं। चाहे वे फिर सही हों या गलत, उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती है।
- वे लोग जिनके नाखून चौड़ाई से अधिक लम्बाई लिए हों तो ऐसे लोग निरंतर आगे बढऩे वाले होते हैं व अपने जीवन में उन्नति करने वाले होते हैं।


जीवन रेखा: अवैध संबंध भी बताती है

जीवन रेखा ही हमारी आयु, बीमारी और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को बताती है। जीवन रेखा से किसी भी व्यक्ति के व्यवहार, आचार-विचार की सही-सही जानकारी प्राप्त हो सकती है। हस्तरेखा में सबसे महत्वपूर्ण रेखा जीवन रेखा मानी गई है।
जीवन रेखा गुरु पर्वत (इंडेक्स फींगर के नीचे के भाग को गुरु पर्वत कहते हैं।) के नीचे हथेली के प्रारंभ से शुरू होती है। जीवन रेखा शुक्र क्षेत्र (अंगूठे के नीचे का भाग) को घेरते हुए मणिबंध की ओर जाती है।
- लंबी, गहरी, पतली, बिना टूट-फूट की क्रास-चिह्न रहित तथा दोष-हीन जीवन रेखा व्यक्ति के लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य को दर्शाती है।
- यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य थोड़ा अंतर हो तो व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाला होता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य अधिक अंतर हो तो व्यक्ति बिना सोच-विचार के कार्य करने वाला होता है।
- यदि जीवन रेखा दोनों हाथों में टूटी हुई हो तो वह व्यक्ति की असमय मृत्यु को दर्शाती है। परंतु यदि एक हाथ में जीवन रेखा टूटी हो तो वह व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकता है।
- यदि जीवन रेखा, हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा तीनों प्रारंभ में मिली हुई हो तो व्यक्ति भाग्यहीन, दुर्बल और परेशानियों से घिरा होता है।
- जीवन रेखा जहां-जहां श्रृंखलाकार होगी उस आयु में व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रसित हो सकता है।
- यदि जीवन रेखा को कई छोटी-छोटी रेखाएं काटती हुई नीचे की ओर जाती हो तो व्यक्ति के जीवन में परेशानियों को दर्शाती हैं। यदि इस तरह की रेखाएं ऊपर की ओर जा रही हो तो व्यक्ति को सफलताएं प्राप्त होती है।
- यदि जीवन रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ हुई हो तो व्यक्ति अति महत्वकांशी होता है।
- यदि जीवन रेखा अंत में दो भागों में विभाजित हो गई हो तो व्यक्ति की मृत्यु जन्म स्थान से दूर होती है।
- जीवन रेखा पर वर्ग चिह्न व्यक्ति के जीवन की रक्षा करते हैं। जबकि अन्य चिह्न रोग का सूचक होते हैं।
- यदि किसी स्त्री के हाथों में मंगल क्षेत्र (हथेली के मध्य क्षेत्र को मंगल क्षेत्र कहते हैं) से निकल कर छोटी-छोटी रेखाएं जीवन रेखा का स्पर्श करे तो वह उस स्त्री के किसी पुरुष के साथ अवैध संबंध को दर्शाती है। इस रिश्ते की वजह से उस स्त्री कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि जीवन रेखा रेखा हो तो वह व्यक्ति के अल्पायु होने को दर्शाती है।
- आयु के संबंध में जीवन रेखा के साथ स्वास्थ्य रेखा, हृदय रेखा, मस्तिस्क रेखा और अन्य छोटी-छोटी रेखाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।

किन्नर भी बना सकते हैं ग्रह योग

किन्नर अर्थात् नपुंसक, जो न स्त्री हो न पुरुष जन्म पत्रिका में ऐसा योग भी होता है। जिससे यह पता लगता है कि जातक कहीं नपुसंक तो नहीं। विवाह के समय पत्रिका मिलान करते समय यहा विचार आगे आने वाली कई समस्याओं से बचा सकता हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि, शुक्र अष्टम अथवा दशम भाव में स्थित हो एवं उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि न हो अथवा शनि छठे या द्वादश भाव में नीच का हो तो जातक नपुंसक होता है। यदि सम राशि में सूर्य हो एवं विषम राशि में चंद्रमा या सम राशि में चंद्र हो और विषम में सूर्य और दोनो की एक दूसरे पर दृष्टि हो तो जातक नपुंसक होता है।
इसी प्रकार बुध और शनि का सम एवं विषम राशि में हो और उनकी एक दूसरे पर दृष्टि हो तो जातक नपुंसक होता है।विषम राशि स्थित चंद्रमा एवं सम राशि स्थित बुध पर मंगल की दृष्टि हो, विषम राशिगत सूर्य को सम राशिगत मंगल या सम राशिगत मंगल को सूर्य जो सम राशि में स्थित हो अथवा विषम राशि या लग्न राशिगत चंद्रमा पर मंगल की दृष्टि हो तो जातक नपुंसक जानना चाहिए।
पुरुष प्रकृति की राशि या उसके नवांश में शुक्र या चंद्रमा हो तो जातक नपुंसक होता है। इस योग वाले जातक पर लिंगो में आसक्त नहीं होते। बुध नीच का या सप्तम स्थान में नीच का हो तो जातक नपुंसक होता है। ऐसा ही बुध लग्न में स्थित हो तो भी जातक नपुंसक होता है।
इस योग से बचने के लिए यह उपाय करें-
- बुध के मंत्रों का जाप करे।
- पीपल के पेड़ की अराधना करें।
- शनिवार को पीपल के पत्ते पर भोजन रखकर उस भोजन को ग्रहण करें।
- अधिकतम भोजन पत्तल पर ही करें।

आप सेक्सी हैं यदि...

हाथों की बनावट और रेखाएं बता देती हैं कि आपका स्वभाव कैसा है? आपके विचार कैसे हैं? हस्तरेखा में रेखाओं के अतिरिक्त पर्वत क्षेत्र भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पर्वत क्षेत्र अर्थात् आपके हाथों में उभरे हुए अलग-अलग भाग।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन पर्वत क्षेत्रों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है शुक्र पर्वत क्षेत्र।
शुक्र पर्वत व्यक्ति की प्रणय, वासना, प्रेम और भोग विलास को दर्शाता है। जिस व्यक्ति का शुक्र पर्वत जितना अधिक उन्नत होता है वह उतना ही अधिक सेक्सी होता है। अत्यधिक उन्नत शुक्र पर्वत वाले व्यक्ति के दिमाग में सेक्स संबंधी विचार ही चलते रहते हैं।
कहां होता है शुक्र पर्वत...
अंगूठे के नीचे के भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं। शुक्र पर्वत की अंतिम सीमा जीवन रेखा तक होती है। जीवन की परिधि जितनी अधिक होती है शुक्र पर्वत उतना ही अधिक बड़ा होता है। अधिक उन्नत शुक्र पर्वत को अच्छा नहीं माना जाता है।
- यदि शुक्र पर्वत सामान्य से कम उन्नत है तो ऐसे व्यक्ति निरस, रुखे स्वभाव वाले होते हैं। दोषपूर्ण शुक्र पर्वत होने पर व्यक्ति संतान उत्पन्न करने में असक्षम होता है। साथ ही ऐसे व्यक्तियों को जनेंद्रिय संबंधी को बीमारी हो सकती है।
- यदि शुक्र पर्वत उन्नत और उभरा हुआ है। साथ ही दोष रहित है तो ऐसे व्यक्ति स्वस्थ एवं सुंदर शरीर वाले, कामुक, संतान उत्पन्न करने की क्षमता करने वाला होता है।
- शुक्र पर्वत अत्यधिक उन्नत होने पर व्यक्ति भोग विलास में लिप्त रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति शक्तिशाली भी होता है।
ध्यान रहे शुक्र पर्वत और अंगूठे की बनावट पर साथ-साथ विचार किया जाना चाहिए।

सीधे दांत तो धन की बारिश

एक मुस्कान किसी को भी सम्मोहित करने के लिए काफी है। दांत देखकर भी आप सहज ही किसी भी व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र के बारे में अनुमान लगा सकते हैं। मुस्कुराने पर दांत और मसूड़े दिखाई देते हैं जिनसे आप उस व्यक्ति के चरित्र के संबंध में काफी कुछ समझ सकते हैं।
- जिस व्यक्ति के दांत सीधे और सपाट रेखा में होते हैं तो वह व्यक्ति धनवान होता है।
- काले आड़े-तेड़े दांत वाले व्यक्ति अपना हित सोचने वाले होते हैं ऐसे लोग दोहरे स्वभाव के होते है।
- बत्तीस दांत वाले व्यक्ति भाग्यवान होते है और उनकी बोली गई बातें अधिकतर सच होती हैं।
- जिस व्यक्ति के दांत एक दूसरे से अलग-अलग होते हैं तो वह व्यक्ति दूसरों के धन पर ऐश करते हैं।
- जिनके मसूड़े काले होते हैं वो बहुत चतुराई से अपना काम निकालने वाले होते हैं, साथ ही ऐसे लोग झगड़ालु स्वभाव के होते हैं।
- जिन लोगो के दांत टेड़े मेड़े होते हैं, वे खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं, वे हर पल को जीने मे विश्वास करने वाले होते हैं।
- यदि किसी लड़की के दांत के ऊपर दांत है तो वह अपने जीवन साथी को उंगुलियों पर नचाती है।
- जिन स्त्रियों के दांत ऊंचे होते हैं, वे तर्क देने वाले होती हैं इनसे तर्क में जीतना कठिन होता हैं।

सपने में परी या सुंदर लड़की दिखाई दे तो...

ज्योतिष शास्त्र में सपनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है। सपनों का संबंध हमारे निकट भविष्य से होता है। सपने कई प्रकार के होते हैं। किसी-किसी को अजीब स्वप्न दिखाई देते हैं तो किसी को सामान्य जन-जीवन से जुड़े सपने आते हैं। अधिकांश पुरुषों को स्वप्न में लड़कियां दिखाई देती है। युवतियों से जुड़े सपनों के यह फल होते हैं-
- सपनों में यदि कोई परी या सुंदर लड़की दिखाई तो समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। प्रमोशन के योग बनते हैं।
- सपने में यदि किसी स्त्री की साड़ी दिखाई दे तो प्रेमिका से जल्द से जल्द मिलने के योग हैं।
- स्वप्न में यदि किसी सुंदर लड़की को छेड़ते हुए देखे और वह स्त्री हंस दे तो भोग विलास प्राप्त होने के योग है। इसके विपरित यदि लड़की गुस्सा हो जाए तो अपमानित हो सकते हैं, नुकसान हो सकता है।
- स्वप्न में कोई बदसूरत, काली लड़की दिखाई दे तो ऐसे व्यक्ति को अच्छाई और बुराई दोनों प्राप्त होने के योग होते हैं।

हस्तरेखा: आपकी संतान कितनी हैं?

अपना भविष्य में होने वाली घटनाओं को जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं। सामान्यत: लोग कुंडली पर ज्यादा विश्वास करते हैं परंतु हाथों की लकीरें भी शत-प्रतिशत सही-सही भविष्यवाणी करती हैं। वैसे तो हाथों में कई रेखाएं होती हैं सभी का अपना महत्व हैं। आज हम आपको जानकारी देंगे संतान रेखा की:
संतान रेखा: सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत स्थित होता है। बुध पर्वत पर विवाह रेखा के पास ही संतान रेखाएं होती है। यहां जितनी रेखाएं होती हैं व्यक्ति की उतनी संतान के योग होते हैं। इसमें अधिक गहरी रेखाएं पुत्र और सामान्य रेखाएं पुत्री के योग की ओर संकेत करती है। यह रेखाएं टूटी हुई या कटी हुई तो इसका मतलब यही है संतान पर कुछ बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

अब आम आदमी को भी मिलेगी पेंशन

सरकारी कर्मचारियों की भांति आम आदमी भी अब पेंशन का हकदार होगा। इसके लिए डाक विभाग में एक निश्चित प्रीमियम राशि जमा करनी होगी। डाक विभाग ने आम आदमी को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए नई पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वृद्धावस्था में भरण-पोषण की व्यवस्था के लिए सक्षम हो सकेगा।

सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृति के बाद गुजर बसर के लिए पेंशन सुविधा प्रदान की जाती है, लेकिन आम आदमी इस सुविधा से वंचित था। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की है ताकि हर नागरिक इसका लाभ लेकर भविष्य को सुधार सके।


एक हजार रुपए सरकार का अंशदान :


योजना के तहत सरकार की ओर से 1 हजार रुपए अतिरिक्त अंशदान के रूप में जमा करवाए जाएंगे, लेकिन शर्त यह रहेगी कि आवेदनकर्ता के सालाना 12 हजार रुपए जमा हों। पेंशन की राशि की गणना भी आवेदनकर्ता की उम्र और उसकी प्रीमियम के आधार पर तय होगी।


लाभ 60 साल आयु के बाद


योजना का लाभ भारत का कोई भी नागरिक अथवा अप्रवासी भारतीय जिसकी आयु 18 से 55 साल है ले सकता है। उसे पेंशन का लाभ साठ साल की आयु पूरी होने के बाद मिलेगा। कोई भी व्यक्ति 500 रुपए व एक हजार रुपए अंशदान देकर इस योजना का लाभ ले सकता है। साल के अंत मंे खाते मंे कम से कम छह हजार की राशि होना आवश्यक है।


शीघ्र मिलेगे फार्म


इस योजना से आम आदमी को फायदा होगा। इसके लिए शीघ्र फार्म मिलेगे। फार्म मिलते ही इनका वितरण शुरू कर दिया जाएगा। आम आदमी को पेंशन की सुविधा दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने डाक विभाग को जिम्मा सौंपा है। आम आदमी को इसका लाभ मिलेगा। राधेश्याम शर्मा, डाक अधीक्षक, पाली

दुर्घटना से मृत्यु के योग तो नहीं?

आधुनिकता की दौड़ में जितनी अधिक सुख-सुविधाओं की बढ़ोतरी हुई है उतना ही अधिक दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। वाहनों की लंबी कतारें होती है और जरा सी असावधानी से किसी के भी जीवन पर खतरा आ सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाओं से ऐसे समय का अनुमान लगाया जा सकता है जब हमारे साथ कोई दुर्घटना होने की संभावना है। बस फिर उस समय सावधान रहकर हम दुर्घटना से बच सकते हैं।
यदि जीवन रेखा जगह-जगह से अन्य छोटी-छोटी रेखाओं से कटी हुई है तो वे दुर्घटना की संभावना को दर्शाती हैं।
जीवन रेखा पर द्वीप चिन्ह या क्रास जैसे चिन्ह अशुभ माने जाते हैं। यह चिन्ह जीवन पर संकट को बताते हैं।

2 मिनिट में जानें सफल होंगे या नहीं

क्या आपकी कोई समस्या, परेशानी, दिक्कत आपको सता रही है? या आप कोई कार्य करना चाहते हैं और उसमें सफलता को लेकर संशय है, या कोई एग्जाम देना है, और आप सोच रहे हैं उसमें सफलता मिलेगी या नहीं, ऐसे हर सवाल के लिए यहां एक यंत्र दिया जा रहा है, जिसकी मदद से आपको अपने कार्य की सफलता-असफलता की ओर इशारा मिलेगा-
प्रश्न करने की विधि- अपनी समस्या या प्रश्न सोचकर अपने आराध्य देव का नाम लेकर आंख बंद करें और अपने कम्प्यूटर के माउस कर्शर के पॉइन्ट को यंत्र के ऊपर घुमाएं और कुछ देर बार माउस रोककर देखें कि कर्शर किस अंक पर है, उसी अंक का उत्तर आपके प्रश्न का उत्तर होगा।
1. प्रश्न उत्तम है, कार्य पूर्ण होने की पूरी संभावना है।
2. आराध्य देव की पूजा करके कार्य शुरू करें, सफलता निश्चित मिलेगी।
3. इस कार्य का परिणाम गड़बड़ हो सकता है।
4. आपने कार्य के लिए जो रास्ता चुना है, उसे बदलकर नए तरीके से कार्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी।
5. कार्य में सफलता संभावित है। कार्य भगवान पर छोड़ दें।
6. और अधिक प्रयत्न करने की जरूरत है, सफलता निश्चित ही मिलेगी।
7. कार्य में कई परेशानियां आएंगी परंतु कार्य पूर्ण हो जाएगा।
8. कार्य कठिनाइयों से भरा है, सफलता की उम्मीद कम है।
9. इस कार्य में शत-प्रतिशत सफलता सफलता मिलेगी।